कलेक्टर सख्त फिर भी व्यवस्थाएं ध्वस्त, सुबह से फिर शुरू हो गया महाकाल मंदिर में अनाधिकृत प्रवेश

उज्जैन। महाकालेश्वर मंदिर में दर्शन व्यवस्था की आड़ में अनाधिकृत लोगों को वीआईपी गेट से प्रवेश कराने का धंधा चल रहा है, जबकि मंदिर समिति द्वारा चिन्हित विशिष्ट लोगों और सशुल्क २५१ रुपए की रसीद से शीघ्र दर्शन के लिए डी गेट से प्रवेश की छूट दी है। इसका लाभ अनाधिकृत लोग उठा रहे हैं।
डी गेट से लोगों को शीघ्र दर्शन के लिए सेटिंग से प्रवेश कराकर रुपये ऐंठने की जानकारी कलेक्टर तक पहुंची तो वह स्वयं मंदिर में अचानक निरीक्षण के लिये पहुंचे। एक युवक को अनाधिकृत प्रवेश करते पकड़ा व 5 अन्य पर भी कार्रवाई की। माना जा रहा था कि कलेक्टर की कार्रवाई के बाद यह गोरखधंधा बंद हो जायेगा लेकिन सुबह से वही सिलसिला पुन: शुरू हो गया और अनाधिकृत लोग डी गेट से प्रवेश करते रहे।

प्रशासक के आदेश का पालन नहीं
कलेक्टर शशांक मिश्र द्वारा डी गेट से अनाधिकृत लोगों को प्रवेश करते रंगे हाथों पकडऩे के पहले मंदिर प्रशासक अवधेश शर्मा द्वारा डी गेट से प्रवेश करने वाले प्रत्येक व्यक्ति का रिकार्ड संधारित करने के निर्देश कर्मचारियों को दिये गये थे। इसके तहत गेट नं.5 पर सुरक्षाकर्मी द्वारा यहां से गुजरने वाले व्यक्ति का नाम, पता, मोबाइल नंबर, पद और साथ आने वाले व्यक्तियों की संख्या दर्ज की जाती थी। यह सिलसिला एक दो दिन तक नियमानुसार चला लेकिन वर्तमान में सुरक्षाकर्मियों द्वारा रजिस्टर को सही तरीके से मेंटेन नहीं किया जा रहा। प्रवेश करने वाले व्यक्तियों की संख्या कम करना, नाम व पता अस्पष्ट लिखना और मोबाइल नम्बर भी दर्ज नहीं हो रहा है।

यह है नियम
महाकालेश्वर मंदिर में श्रद्धालुओं को दर्शनों के लिये कतार में लगकर प्रवेश कराया जाता है, लेकिन वीआईपी, प्रोटोकॉल, जनप्रतिनिधि, मीडिया और अधिकृत पंडे पुजारियों के साथ नियमित श्रद्धालुओं को डी गेट से प्रवेश दिया जाता है। इसके अलावा सशुल्क पूजन अभिषेक करने वाले श्रद्धालु भी इसी गेट से मंदिर में प्रवेश करते हैं, लेकिन डी गेट पर लगे कुछ कर्मचारियों द्वारा नियमों को तांक पर रखकर रुपयों के लालच में अनाधिकृत लोगों को यहां से प्रवेश कराया जा रहा है।

अक्षर विश्व ने उठाया था मामला
तीन दिन पूर्व सहायक प्रशासक दीक्षित द्वारा निश्चित समय से पहले डी गेट से श्रद्धालुओं का प्रवेश प्रतिबंधित कर दिया था जिस कारण यहां लोगों की भीड़ लग गई और उन्होंने इस पर आपत्ति भी ली थी, लेकिन इसी दौरान वीआईपी, प्रोटोकॉल के नाम पर दो दर्जन लोगों को अनाधिकृत प्रवेश कराया गया था। इस पर कलेक्टर शशांक मिश्र ने संज्ञान लिया और बीती रात स्वयं महाकाल मंदिर की व्यवस्थाओं का जायजा लेने पहुंचे। यहां कलेक्टर ने 6 लोगों को डी गेट से अनाधिकृत रूप से प्रवेश करते पकड़ा, जिनमें पर्वतसिंह को पकड़कर महाकाल पुलिस के सुपुर्द किया। कर्मचारी राजेन्द्र तिवारी को 10 दिन के लिये निलंबित किया गया।

महाकाल मंदिर के बाहर हार-फूल बेचने वाला एक बालक 4 लोगों को लेकर डी गेट पर पहुंचा। यहां उसने 251 रुपये की 1 पर्ची सुरक्षाकर्मी के हाथ में पकड़ाई साथ ही एक गुरु का नाम बताया। कर्मचारी ने 4 लोगों को डी गेट से प्रवेश दिया। बालक सबसे आगे चल रहा था। वह 5 नंबर गेट पर पहुंचा। यहां सुरक्षाकर्मी के कान में फिर गुरु का नाम बताया। रजिस्टर में फर्जी हस्ताक्षर किए जिसमें न तो मोबाइल नंबर था और न ही पद अथवा पता। लोगों की संख्या में 1 व्यक्ति दर्ज किया गया। यहां से बालक सूर्यमुखी गेट पर 4 लोगों को लेकर पहुंचा। रजिस्टर में फिर फर्जी हस्ताक्षर किये, लोगों की संख्या 1 दर्ज की, सुरक्षाकर्मी ने 5 लोगों को प्रवेश दिया और इस प्रकार 4 लोग मंदिर में बिना किसी जांच पड़ताल के वीआईपी सुविधा के साथ प्रवेश कर गये।

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